बीते 22 जुलाई को उद्योगपति चंद्र प्रकाश अग्रवाल के आवास (Bussinessman Chandra Prakash Agarwal residence) पर वारदात हुई थी। बताया जा रहा है कि अग्रवाल के घर के बाहर सड़क की ओर कुछ युवक क्रिकेट खेल रहे थे। क्रिकेट खेलने के दौरान किसी युवक ने तेज शाॅट मारी और गेंद्र चंद्र प्रकाश अग्रवाल के घर की बाउंड्री के अंदर पहुंच गया। वहीं मोहल्ले का ही रहने वाला युवक अरविंद बाॅल को ढूंढ़ने लगा। बाॅल खोजते हुए वह उद्योगपति चंद्रप्रकाश अग्रवाल की बाउंड्री पर चढ़ गया। इसी दौरान अग्रवाल की सुरक्षा में लगा निजी गार्ड संदीप ने अपनी दोनाली से फायर कर दी। गोली युवक अरविंद को लगी और वह वहीं गिर कर तड़पने लगा। आनन फानन में उसे मेडिकल काॅलेज पहुंचाया गया जहां से उसे पीजीआई रेफर कर दिया गया। हालांकि, उसकी नाजुक हालत को देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक अमला सबसे दूर एक अस्पताल में पहुंचाया। कई दिनों की जद्दोजहद के बाद उसका आॅपरेशन हो सका लेकिन हालत नाजुक बनी हुई है। अरविंद अपनी एक आंख भी गंवा चुका है।
यह भी पढ़ेंः शराब तस्कर को फरार कराने के आरोप में देवरिया का एक चौकी इंचार्ज सस्पेंड, सस्पेंशन के बाद खुद भी फरार उधर, वारदात वाले दिन मामला बिगड़ने लगा। काफी संख्या में लोगों ने उद्योगपति का घर घेर लिया। कई थानों की पुलिस लगाई गई। पुलिस ने किसी तरह भीड़ को हटाया। पुलिस ने आरोपी गार्ड के खिलाफ केस दर्ज किया। लेकिन आरोप है कि पुलिस ने ही मौका ए वारदात से गार्ड को फरार कराया।
हालांकि, एसएसपी ने पांच टीमों को गार्ड को पकड़ने के लिए लगाया। पांच दिनों तक यह पांच टीमें शहर-दर-दर खाक छानती रही लेकिन सफलता शून्य रही। पांच दिन बाद अचानक से गार्ड खुद ही थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया(Bussinessman Chandra Prakash Agarwal guard surrendered in Police station)। अब पुलिस इसे अपने दबाव का नतीजा मानकर प्रफुल्लित हो रही। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने गार्ड की गिरफ्तारी के लिए अत्यधिक दबाव बना दिया था, वह अधिक दिनों तक छुप नहीं सकता था।